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पेट्रोल बैनर

पेट्रोल अथवा गैसोलीन को तकनीकी शब्दों में मोटर स्पिरिट (एमएस) अथवा ऑटोमोटिव गैसोलीन कहा जाता है। पेट्रोल का उत्पादन आम तौर पर कच्चे तेल के आंशिक आसवन से किया जाता है, जिसमें अपनी ऑक्टेन रेटिंग (संख्या) और अन्य गुणों को बढ़ाने के लिए मल्टीफंक्शन एडिटिव्स मिलाए जाते हैं। तकनीकी रूप से यह हाइड्रोकार्बन का एक जटिल मिश्रण है जो ऑपरेटिंग स्थितियों के एक व्यापक दायरे में इंजन के निष्‍पादन को संतोषजनक बनाने लिए संतुलित करता है।

पेट्रोल के लिए एक प्रमुख पैरामीटर ऑक्टेन नंबर है, जो खटखटाहट का प्रतिरोध करने का एक पैमाना है। स्पार्क-इग्निशन इंजन में, कम्‍प्रेशन चक्र के दौरान एयर फ्यूल मिक्‍सचर गर्म हो जाता है और उसके बाद इंजन डिजाइन आवश्यकताओं के अनुसार स्पार्क प्लग से तेजी से जलाने की प्रक्रिया करता है। उच्चतर कम्‍प्रेशन अनुपात इंजन को एयर फ्यूल मिक्‍सचर में से अधिक मैकेनिकल ऊर्जा निकालने में सक्षम बनाता है, जिससे उच्च थर्मल क्षमता प्राप्त होती है।

ईंधन के संबंध में, उच्च डिज़ाइन कम्‍प्रेशन अनुपात वाले गैसोलीन इंजनों को आमतौर पर उच्च ऑक्टेन रेटिंग वाले ईंधन की आवश्यकता होती है। निर्धारित ऑक्टेन संख्या से कम वाले पेट्रोल का उपयोग इग्निशन सिस्टम के स्पार्क होने के समय से पहले सैल्‍फ इग्‍नाइट करने से विशेष प्रकार ''नॉकिंग'' अथवा ''पिंगिंग'' की आवाज आती है जो वांछनीय नहीं है क्‍योंकि इससे इंजन के कंपोनेंट उच्‍चतर प्रेशर के कारण खराब हो सकते हैं।

ऑटोमोटिव ओईएम विभिन्न कारकों के आधार पर अपने इंजन डिजाइन का विशेष अनुकूलन करते हैं जिसमें ईंधन दक्षता, इंजन कम्‍प्रेशन अनुपात, घटक इंजीनियरिंग डिजाइन, ईंधन की विशि‍ष्‍टताएं इत्‍यादि शामिल हैं। भारत में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऑटोमोबाइल ब्रांडों को न्यूनतम 91 ऑक्टेन रेटिंग के पेट्रोल की आवश्यकता होती है, जो भारत में एचपीसीएल के रिटेल आउटलेट नेटवर्क पर उपलब्ध है। हाई परफॉर्मेंस कारों और मोटरसाइकिलों में उच्च ऑक्टेन पेट्रोल का उपयोग किया जाता है जैसे कि भारत का सबसे अधिक ऑक्टेन पेट्रोल पॉवर 99.

एचपीसीएल के रिटेल आउटलेट पर बेचे जाने वाले पेट्रोल को विनियामक अपेक्षाओं के अनुसार सीधे ऑटोमोबाइल ईंधन टैंक में भरा जाता है। एचपीसीएल द्वारा विपणन किया गया पेट्रोल मोटर गैसोलीन और गैसोलीन के गुणों को नियंत्रित करने वाले भारतीय मानक - ऑक्सीजनेट मिश्रण आईएस 2796: 2017 के अनुरूप है।

सरकार के नीतिगत दिशा-निर्देशों में बीएस- VI के उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक ईंधन विनिर्देशों को भी शामिल किया गया है । एचपीसीएल का रिटेल आउटलेट नेटवर्क बाजार ईंधन भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार नीतिगत समय सीमा में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कर रहा है।

पेट्रोल के पूरक के लिए एक ऑक्सीजनयुक्त, राख रहित कार्बनिक यौगिक (जैसे शराब या ईथर) का भी उपयोग हो सकता है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा जारी जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति के संबंध में, बीआईएस ने "10% इथेनॉल के साथ पेट्रोल" के लिए विनिर्देश प्रकाशित किया है। चूंकि इथेनॉल के अणुओं में ऑक्सीजन होता है, जिससे इंजन पूरी तरह से ईंधन का दहन कर पाता है, जिसके परिणामस्वरूप कम उत्सर्जन होता है और जिससे पर्यावरण प्रदूषण की घटना कम होती है।

फ़िल्टर पेपर टेस्ट (पेट्रोल), घनत्व परीक्षण (पेट्रोल और डीजल), मात्रा की जाँच।